आज मेने अपने दोस्तों के पीछे छिपे घ्रणा ,ईष्र्या, तपिस ,साप,भूखी लौमडी,प्रेत को जान लिया झूठे प्रेम, वायदो की दीवार के पार देख लिया, आज का दिन बडा लम्बा हो गया न जाने दिल कयू बैचेन सा हो गया भरी सभा मे ठगी सी रह गई। आज का दिन बडा लम्बा हो गया मेरे मरज की दवा आज औझल हो गई न जाने दिल कंयू अशांत था। Ambika