आजकल रात गुज़रती है ऐसे ख़ुद के किरदार से शर्मिन्दा हो जैसे, जुर्म-ए-दास्तान का हर रात गवाह है, और हर शक्स उसके राज़दार, ये राज़दार डर से कुछ कह ना पाएगें, और जुर्म करने वाले हर रात एक नई जुर्म करते जाएगे। ©Prahlad kumar #raat #Jurm #क्राइम #राज #Anhoni