अपनी दर्द भरी आंखों में आंशू छिपाऊं कैसे,,, ये दुनिया बड़ी जालीम है जानाब,,, इस दुनिया को अपनी सच्चाई बताऊं कैसे,,, लग रही है बोली मेरे इस शरीर की,,, इस बोली को लगने से बचाऊं कैसे,,,