तेरी आँखे तो कुछ कहती है, सावन के गीत भी गाये है, कुछ तो अपनापन की बातें, कुछ तो भीगे भीगे रश्मो की रातें, यु तो खुमार मुझपर कुछ तो पहले भी था, ज्यादा तो नही थोरा हैरान हूं!! करिश्मा ही तो है मै तेरा हूं, सच तेरी आँखो ने ही तो बताया है, उम्मीदे तो हो गई है तुझसे, यही तो राज है,जो हमे समझाया है, कबसे तो मै यू मै मुश्किलो से वेजार था, इरादा तो नही बस तेरे नाम हूं!! थोरा सा तो समा जलने दे तुफानो मे, जरा तो जाम छलकने दे पयमानो मे, कहीं कहीं तो वहका हूं मै हसरत मे, मेरा नाम भी तो हुआ दिवानो मे, कैसे मै कहुं कबसे यू तो मै वेकार था, वादा तो नही बस मै तेरा गुलफाम हूं!! तेरी आँखे तो कुछ कहती है