गुज़रते हैं जब हम जिन्दगी की आज़माइश से ।।। न आरज़ू से होता वास्ता न कोई खवाहिश से ।। ज़िन्दगी में खुशियो की जब कमी होती है अज़ीयतो से आँखों में नमी होती है।। जो मिल गया उससे न कोई गरज़ रहता है जो खो गया निगाहें उस पर जमी होती हैं।। सूकून न मिलता है जब किसी तरक़ीब से होते हैं कई शिक़वे अपने नसीब से इन हलात में खुदा एक ज़रिया अता करता है।।। मोहब्बत के दिए ज़ख्मो में मरहम जो भरता है।।। बेरंग जिन्दगी में कई रंग भरता है ज़िन्दगी फिर जीने के वो होसले देता है चमन में ढूँढ कर फिर नयी बहारे लाता है।।। इसलिए वो दोस्त के मर्तबे से नवाज़ा जाता है #दोसती