कुछ छांव सा
कुछ धूप सा
कुछ चंचल सा
कुछ शांत सा
कुछ गीत सा
कुछ संगीत सा
एहसास उस प्रीत का
कुछ खट्टा सा
कुछ मीठा सा
कुछ तिखा सा
कुछ फीका सा
कुछ ताप सा
कुछ शीत सा
एहसास उसे प्रीत का
जिससे भी नसीब हुआ
अक्सर उन शामो में ही महसूस हुआ । @Jagdish Thakur@Niaz (Harf)@Andy Mann@Ak.writer_2.0@Sethi Ji#Poetry