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समन्दर जो अपने बड़े होने पे इतराता है उसका एक बूंद

समन्दर जो अपने बड़े होने पे इतराता है
उसका एक बूंद पानी भी किसी प्यासे के काम नहीं आता है #nojoto shayari#nojotoolve#nojotopoetry
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