कुछ ये कारवाँ, कुछ हम, कुछ तुम कुछ बातें, कुछ मुलाकातें कुछ भूले-बिसरे पल कुछ आभास, कुछ उल्लास कुछ रूठना-मनाना, कुछ अठखेलियाँ कुछ जवाब़, कुछ सवाल कुछ बेरूखी, कुछ धुँधलाहट कुछ बेपरवाह, बेबाक मुस्कुराहट कुछ खुशियाँ, कुछ आँसू कुछ अपनापन, कुछ ख़ुमारी कुछ हरकत अपनी, कुछ पीर परायी कुछ वो जो तुझमें है, कुछ वो जो मुझमें है कुछ तो है, कुछ न कुछ तो है जो तुमसे कुछ जुड़ा सा है आधा सा है या अधूरा सा है जो भी है मगर कुछ तो है अद्भूत, अदम्य, अद्वितिय, अलौकिक जिसे तय करते हम और हमें तय करता जो कुछ ये कारवाँ, कुछ हम, कुछ तुम। -©Satty कुछ तो है, हम दोनों के दरमियाँ मुकम्मल आज नहीं तो कल होगा। #YoPoWriMo #YQdidi #Sattymuses