तेरे रवैये पे मुझे हैरत नहीं हुई अफसोस है के तुझको मुहब्बत नहीं हुई एक दिल बिछाया था तेरे कदमों मे आस से उसपर तेरी नज़र की भी रहमत नहीं हुई शर्मो हया को बेच कर वो खा गये है यू एहसान मानने की शराफत नहीं हुई मिल जायेंगे तुम्हें तो बहुत है बजा़र मे मेरी खरीद ओ बेच की कीमत नहीं हुई हैरत नहीं हुई #yqsayyed #yqsheroshayri #hairat #collab #yqbhaijan #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Bhaijan