सच खबरों के सिलसिलो मे, मैं हर रोज लिखा जाता हूँ | कंही स्याही से तो कंही कीबोर्ड से, हर रोज लिखा जाता हूँ | मुझको छुपाने की कोशिश होती है, मैं फिर भी उभर आता हूँ | जिंदा हो या मुर्दा, मैं सब पे नजर आता हूं | मुझे लिखने की जुर्रत हर किसी मे नही, मैं सच हूँ! झूठ के खिलाफ लिखा जाता हूँ | मैं सच हूँ! झूठ के खिलाफ लिखा जाता हूँ | मैं सच हूँ! झूठ के खिलाफ लिखा जाता हूँ | मैं सच हूँ! झूठ के खिलाफ लिखा जाता हूँ |