आखिरी हूँ मैं तसव्वुर नींद का और तुम पहली चेतना हर सुबह की..!! आखिरी हूँ मैं तसव्वुर नींद का और तुम पहली चेतना हर सुबह की..!! क्या कह सकोगें.. तुम आज भी कुछ इस तरह की मौऩ है सब शब्दमाला और अर्थ में बस नाद हैं !! क्या सकोगी जोड़ तुम..