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जो चिकित्सक अपने स्वार्थ एवं इच्छित वस्तुओं की प्र

जो चिकित्सक अपने स्वार्थ
एवं इच्छित वस्तुओं की प्राप्ति की
परवाह न करते हुए केवल प्राणियों के कल्याण की भावना से ही चिकित्सा कार्य करते हैं, 
वे ही सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक कहलाने के योग्य हैं।
चरक संहिता
चि० १/४/५८ चिकित्सा को ईश्वरीय ज्ञान समझें
चिकित्सक।
जो चिकित्सक अपने स्वार्थ
एवं इच्छित वस्तुओं की प्राप्ति की
परवाह न करते हुए केवल प्राणियों के कल्याण की भावना से ही चिकित्सा कार्य करते हैं, 
वे ही सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक कहलाने के योग्य हैं।
चरक संहिता
चि० १/४/५८ चिकित्सा को ईश्वरीय ज्ञान समझें
चिकित्सक।

चिकित्सा को ईश्वरीय ज्ञान समझें चिकित्सक।