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महफ़िल-ए-उल्फत में कुछ यूं मशरूफ़ हुए कि कब सुबह स

महफ़िल-ए-उल्फत में कुछ यूं मशरूफ़ हुए कि
कब सुबह से शाम हो गयी पता न चला,
शुरुआत तो मोहब्बत से की थी,
कब इन हाथों में जाम आ गयी पता न चला। #nojoto #kavishala #love #drunk
महफ़िल-ए-उल्फत में कुछ यूं मशरूफ़ हुए कि
कब सुबह से शाम हो गयी पता न चला,
शुरुआत तो मोहब्बत से की थी,
कब इन हाथों में जाम आ गयी पता न चला। #nojoto #kavishala #love #drunk
ekshayar4467

Rajan Sinha

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