महफ़िल-ए-उल्फत में कुछ यूं मशरूफ़ हुए कि कब सुबह से शाम हो गयी पता न चला, शुरुआत तो मोहब्बत से की थी, कब इन हाथों में जाम आ गयी पता न चला। #nojoto #kavishala #love #drunk