Nojoto: Largest Storytelling Platform

पीछे नदिया है, पर्वत है, आगे आँखों के दृश्य दिखें,

पीछे नदिया है, पर्वत है, आगे आँखों के दृश्य दिखें,
एक पुरवाई मन के भीतर, किसी मोर के जैसे नृत्य करे...
क्या थामुं मैं, कोई बतलाए......
वो पल जिसमें मैं अब भी हूँ, या पल जिसको मैं जी आया,
क्या चखूं बूंद इस जन्नत की, या अमृत सृष्टि का पी आया....
एक मौन अकेले टीले पर, जब सुधियां तेरी संग आईं,
मैंने हर ज़र्रे पर कविता की, कागज़ पर यादें रंग लाई....
अब चुप बैठा मूंदे आंखें, सोचूँ कि कैसे जी आये,
हमें जिसके आँसू लेने थे, हम उसकी खुशियाँ पी आये.....
फिर मन विचलित जब हुआ कहीं, बादल ललाट सम्मुख आये,
एक शीत हवा थी संग उसके, और चेहरा यादों में ले आये....
क्या याद करूँ उस क्षण को मैं, जिसमें एक उम्र बिताई है,
या बस घूमूं यूँ बंजारा, जीवन की रीत तन्हाई है....
अब सांझ करी जिस टीले पर, दूजे को रात बितानी है,
हम एक कहानी जी आये, दूजे को जी के आनी है.....
बस एक फेर लेके तेरा, दुनिया से रुख़सत हो जाएंगे,
ऐ हवा वो खोई सांसें दे, हम जीते जी मर जाएंगे...!!! #Memories  #Mountains #feelings #trek #himachal #Poetry #unsaidstories
पीछे नदिया है, पर्वत है, आगे आँखों के दृश्य दिखें,
एक पुरवाई मन के भीतर, किसी मोर के जैसे नृत्य करे...
क्या थामुं मैं, कोई बतलाए......
वो पल जिसमें मैं अब भी हूँ, या पल जिसको मैं जी आया,
क्या चखूं बूंद इस जन्नत की, या अमृत सृष्टि का पी आया....
एक मौन अकेले टीले पर, जब सुधियां तेरी संग आईं,
मैंने हर ज़र्रे पर कविता की, कागज़ पर यादें रंग लाई....
अब चुप बैठा मूंदे आंखें, सोचूँ कि कैसे जी आये,
हमें जिसके आँसू लेने थे, हम उसकी खुशियाँ पी आये.....
फिर मन विचलित जब हुआ कहीं, बादल ललाट सम्मुख आये,
एक शीत हवा थी संग उसके, और चेहरा यादों में ले आये....
क्या याद करूँ उस क्षण को मैं, जिसमें एक उम्र बिताई है,
या बस घूमूं यूँ बंजारा, जीवन की रीत तन्हाई है....
अब सांझ करी जिस टीले पर, दूजे को रात बितानी है,
हम एक कहानी जी आये, दूजे को जी के आनी है.....
बस एक फेर लेके तेरा, दुनिया से रुख़सत हो जाएंगे,
ऐ हवा वो खोई सांसें दे, हम जीते जी मर जाएंगे...!!! #Memories  #Mountains #feelings #trek #himachal #Poetry #unsaidstories