मैं निकला अंधी खाई में, बिन मौसम पुरवाई में। हाथ न ढेला, आँख न पानी, खोई-खोई एक कहानी। बिन जाने गहराई में, मैं निकला अंधी खाई में। ✍अश्विनी झा 'कवि' #NojotoQuote