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तामसिक भोजन जो भोजन अधपका अर्थात जो पूरी तरह पके न

तामसिक भोजन
जो भोजन अधपका अर्थात जो पूरी तरह पके न हों, अथवा जिनके सिद्ध (सीझने)में कमी रह गई हो, रसरहित, दुर्गन्ध युक्त अर्थात जिनमें किसी क्रिया से दुर्गन्ध उत्पन्न कर दी हो अथवा जो अपने प्राकृतिक स्वभाव से ही दुर्गन्ध युक्त हों जैसे -प्याज, लहसुन आदि, बासी और जूठा हो तथा जो ईश्वर को अर्पण न किया जा सके ।जैसे-माँस, अंडा, शराब आदि और जो अपवित्र भी हो वह भोजन तामस व्यक्तियों को प्रिय होता है।-
श्रीमद्भगवद्गीता
अ०१७/१० #गीता_ज्ञान 
तामसिक भोजन से व्यक्ति की पहचान करें।
तामसिक भोजन
जो भोजन अधपका अर्थात जो पूरी तरह पके न हों, अथवा जिनके सिद्ध (सीझने)में कमी रह गई हो, रसरहित, दुर्गन्ध युक्त अर्थात जिनमें किसी क्रिया से दुर्गन्ध उत्पन्न कर दी हो अथवा जो अपने प्राकृतिक स्वभाव से ही दुर्गन्ध युक्त हों जैसे -प्याज, लहसुन आदि, बासी और जूठा हो तथा जो ईश्वर को अर्पण न किया जा सके ।जैसे-माँस, अंडा, शराब आदि और जो अपवित्र भी हो वह भोजन तामस व्यक्तियों को प्रिय होता है।-
श्रीमद्भगवद्गीता
अ०१७/१० #गीता_ज्ञान 
तामसिक भोजन से व्यक्ति की पहचान करें।