©'अल्प एक ऐसी अवस्था जिसमें केवल और केवल हम समर्पण भाव में आ जाते हैं , स्थिर भाव और पवित्र ह्रदय के साथ अपने आराध्य की उपासना करने लगते हैं, बिना किसी भी लोभ के , त्याग की उच्चतम अवस्थाएं भी