मैं अकेला निराश हूं। निराश ही रहने दो ।। झुठी आशा में यू ना बहने दो । हा थोड़ा अजीब हूं! समझ आ जाऊ उसके शायद थोड़ा ही करीब हूं! पर दर –बदर कोई कोशिश करे। इतना खास भी हूं क्या? तुम्हारे लिए खास बन जाऊ। ऐसा भी विश्वास हूं क्या ? हा मैं मान चुका , मैं निराश हूं।। निराश ही रहने दो।। ©Ahsas Alfazo ke निराश #MereKhayaal Amita Tiwari