जो नसीब में नहीं था उसी को खुदा से मांँग बैठे शिकवा किया मैंने उनसे वो मेरे हाथ की लकीरों के दुहाई दे बैठे बोले जो तक़दीर में लिख दिया एक बार उसे मैं ख़ुद भी काट नहीं सकता नसीब में कुछ रिश्ते एहसास अधूरे ही लिखे जाते हैं उनके यादों के सहारे ज़िन्दगी जीना आसान हो जाता है ♥️ Challenge-779 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।