फागुन का महीना जब आवत, होली की छाया बरसावत, रास रचाईता रंग लगाई, खेलत होली धूम मचाई, ब्रज वासी सब खेलत होली कृष्ण मुरारी, स्वांग रचाई। राधा रानी गोपियों संग, कान्हा जी को रंग लगाई। होली है, होली है, होली, तीन लोक में गूंज सुनाई। लाल हुआ ब्रह्माण्ड सारा, पीले दिखते श्याम कन्हाई। ©Senty Poet #no #Love #Dosti #kanha #krishna_flute #RadhaKrishna #brahma #Holi