तुम मंज़िल पे क्या पहुँचे रास्तों को ही भूल गए ये वही काटें भरे रस्ते थे जिन्होंने तुम्हें परिपक्क बनाया था कभी वैसे ही फ़ेंक दिया मुझे भी जैसे किसी कांटें को गुलाब से, वही ये काटें थे जो कभी तुम्हारी हिवाज़त किया करते थे, पर आज वो गुलाब किसी और का है और मैं सिर्फ एक काँटा #nojoto #nojotohindi #random_thoughts #zindagi #khalish #adhoora_ishq #kaanta