अगर गांधीजी होते तो आज का भारत कैसा होता? व्यंग्य माँ चरखे से परिधान बुनती,बकरी कि ही आवाज गूंजती क्रांति का आगाज न होता, देश कभी आजाद न होता देश भी अपनी शक्ति खोता, ब्रिटिश अपनी खुशियाँ बोता भारत दुख के आंसू रोता, ब्रिटिश सुख की नींद भी सोता ब्रिटिश से मुक्ति ना मिलती, पीड़ा की युक्ति ना मिलती लहरों में कश्ती ना मिलती, चना नमक सस्ती ना मिलती जैसे बटा था देश ये अपना, बट जाते भारतवासी भी अहिंसा परमो धर्म मानकर, रूठ जाती गंगा काशी भी अंग्रेजो को ताज़ा मिलता, हमें मिलता केवल बासी ही देखकर भीषण हाल देश का, चुप ना रहते अविनाशी भी अंग्रेज देश की नीलामी करते, जनता उनकी गुलामी करते अंग्रेजों से सदा ही डरते, बंदी बनकर आज भी मरते घुट घुट कर भीतर ही जलते, पर शायद विद्रोह ना करते पेन (pain ) देकर अंग्रेज हमें, पीते खुद शैंपेन शायद लग जाता यहां, तिरंगे पर भी बैन धन जमीन खनिज फसल, ये कर लेते गेन लूट लिया होता उसने, मानव के दिन और रैन माना हमने अंग्रेज ही लाए, थे भारत में ट्रेन व्यापारी से शासक बना, बड़ा यूज किया तूने ब्रेन #mahatma_गाँधी #myvoice #komedy #stories #poetry #quotes #happiness #sunset #sad रोहित तिवारी ।