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सुख कहाँ है इस तरह से रोज जलने में बन कर पानी फिर

सुख कहाँ है इस तरह से रोज जलने में

बन कर पानी फिर जमने और गलने में


चाँद सी आराईशें चेहरा तरन्नुम सा कोई

याद दिल करता बहुत सब उम्र ढलने में


जमाने भर की शोखियाँ तुझ पे मेहरबां

हमने काटी ये उम्र सारी बस संभलने में


कि फकत धोखा है दुनिया में मोहब्बत

लोग हैं माहिर बहुत यहाँ रंग बदलने में












 #NojotoQuote ये दुनिया दुख की दुनिया है
सुख कहाँ है इस तरह से रोज जलने में

बन कर पानी फिर जमने और गलने में


चाँद सी आराईशें चेहरा तरन्नुम सा कोई

याद दिल करता बहुत सब उम्र ढलने में


जमाने भर की शोखियाँ तुझ पे मेहरबां

हमने काटी ये उम्र सारी बस संभलने में


कि फकत धोखा है दुनिया में मोहब्बत

लोग हैं माहिर बहुत यहाँ रंग बदलने में












 #NojotoQuote ये दुनिया दुख की दुनिया है

ये दुनिया दुख की दुनिया है