खुदको भी न देखा मैंनेआईने में जैसे मैंने नजरों में उसको बसाया था, आईना भी खुदको पहचाने से इनकार करता, कुछ इस कदर मैंने उसको खुदमें बसाया था, कुछ ऐसा तूफान जिंदगी में आया था लेकर मेरा सबकुछ मुझसे इस दुनिया में हमें उलझाया था, खमोश रह गया था मैं सब खेल देखता रहा मैं दर्द से लिपटता मैं अब खुदको ही खुदमें छुपाता मैं, आंखों से आँशुवो की भाषा बोलता मैं खुदको ही इस दुनिया में लुटाया है।।। #NojotoQuote #nojoto #nojotohindi #shayri #poetry #babuwabol