मेरी तो ग़लतियाँ ही मशहूर है ज़माने में फ़िक्र तो वो करें, जिनकी गुनाह पर्दे में है आशिक़ी किस्मत में सबकी न लिखी ख़ुदा तभी तो लोग इश्क़ को ही बदनाम करते हैं ©प्रमोद मिश्र "भागलपुरी" शायरी लव लव शायरी हिंदी में शायरी हिंदी में