मायूस तो हूँ वादे से तेरे कुछ आस नहीं और आस भी है, मैं अपने खयालों के सदके, तू पास नहीं और पास भी है। हमने तो खुशी मांगी थी मगर जो तूने दिया अच्छा ही किया, जिस गम का तअल्लुक हो तुमसे वो रास नहीं और रास भी है। अश्कों से छलकती आंखों में तस्वीर झलकती है तेरी, दीदार की प्यासी आंखों को, अब प्यास नहीं और प्यास भी है। maYus tO hU v@@De Se t€R€....😐