जो लोग मज़ाक़ पतंग समझ कर उड़ाते हैं अकसर उन्की उंगलियाँ वक़्त के मांझे की काट का सामना नहीं कर पातीं, लेकिन जो लोग मज़ाक़ प्यार की तरह करते हैं अक्सर उनके अल्फ़ाज़ में गुलाब की ख़ुशबू पाई जाती है. Daniश Azaम मज़ाक़ उड़ाना