दूर जाते हुए आखरी दफा वह कुछ कह गया आंखें बन बरखा सावन सा बरसता रह गया, जिसके संग निकले थे हम लेकर कारवां आज वह बीच सफ़र में ही तन्हां कर गया, क्या खता थी मेरी कोई बता दे हमें जरा क्यों जिंदगी में इस क़दर दर्द गहरा भर गया ना कोई निशान छोड़ा उसने जाते-जाते दिल खामखा उसका पीछा करता रह गया, वह शख्सियत था जो कभी अता-पता मेरा फिर क्यों आज वह मुझे लापता कर गया, अब तो यादें हैं जो लिए बैठे हैं चौखट पर अपने संध्या होते ही सूरज भी अलविदा मुझे कह गया, #दूरजातेहुए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #poem #quotes #poetry #sad