ख़्वाबों की दुनिया से लौट आऊँगी मैं इक दिन, बस 'कुबूल है' कह देना हक़ीक़त में उस दिन रहती हूँ मैं अक़्सर ख़्वाबों की दुनिया में, कि ये हक़ीक़त मुझे रास नहीं आती। मदहोशी में रहकर, तेरे करीब रहूँगी, कि ये बिछड़न की पीड़ा अब रास नहीं आती। #ख़्वाब #हक़ीक़त #कुबूल_है #मदहोशी #बिछड़न #yqbaba #yqdidi Photo credits : get wallpapers.com