शोर दिल में मचा न जाने कैसा ये शोर है जाँ ! सोने नहीं दे शब भर ऐसा ये शोर है जाँ! तड़पाये भी सताये भी फिर कभी रुलाए! बिलकुल किसी के यादों जैसा ये शोर है जाँ! है कौन चीखकर के यूँ,आह है जो भरता! ज्यों रोते हैं विरह में वैसा ये शोर है जाँ! जानाँ कि शहर ए दिल को ये तबाह कर दे! मत सोच ये कि ऐसा तैसा ये शोर है जाँ! करवट बदल बदल कर जागे रहे ये शब भर! हाँ,हाँ कि तेरे सा मेरे सा ये शोर है जाँ! matla ❤ 4 Sher ❤ #shor #ghazal दिल में मचा न जाने कैसा ये शोर है जाँ ! सोने नहीं दे शब भर ऐसा ये शोर है जाँ! तड़पाये भी सताये भी फिर कभी रुलाए!