"राजा राम" एक लम्बे इंतजार के बाद; राजा अपने महल में पधारेंगे। त्रिपाल को त्याग कर; वह अपने सिंहासन पर विराजेंगे। लेकिन...उससे पहले एक शिकायत है; औकात तो नहीं मेरी फिर भी बतलाओ। प्रभु तुम तो 14 वर्ष के बनवास पर गए थे। फिर 500 वर्ष क्यों लगा दिए? क्या तुमको मालूम नहीं "भगवन" ? हम सब कितने अकेले रह गए। कितने जुल्म हुए प्रजा पर तुम्हारी? हम निहत्थों पर गोलियां चला दी। "राम" तुम्हारा नाम लेकर हमने; सीने पर गोली खाई थी। बजरंगबली ने पग-पग पर; हमारी लाज बचाई थी। राम जी पीड़ा आपार हुई; अब बस तुमसे मिलने की आस है। और देखो, अहो भाग्य हमारे... विधाता का निमंत्रण ले कुटिया में लोग पधारे। अब देखना...फिर जगमग ये संसार होगा। प्रभु के आने की खुशी में; पूरा भारतवर्ष गौरवान्वित होगा। लेकिन वचन तो रामजी; तुमको देना होगा। भविष्य में न हो ऐसा दोबारा; ये प्रण आपको लेना होगा।। -शीतल शेखर 12/01/2024 ©Sheetal Shekhar #श्रीराम 12/01/2024