रात को नींद नहीं आती तुम्हारी याद आती है। बेबस हो जाता है दिल रात रात भर जागती है। तस्सली दें तो कैसे दें कि तुम आओगे भूले से। गमों का कारवाँ रुकता नहीं ऑंखें अश्क बहाती हैं। कभी लहरें बहाती है कभी भवरें फसाती हैं। एक उम्मीद है कि ख्वाब होंगे पूरे ग़मों के बीच में थोड़ी उम्मीद जगाती हैं। शायर:- शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी तुम्हारी याद आती है।