#दुनियाँ/#ताना "गर प्रकृति प्रदत मौत हुई तो कमियाँ ताना मारेगी, सच में टूट गया मटका तो नदियाँ ताना मारेगी, जो बगियाँ देखा करती थी चार लबो को इक होते, अब उन का हिज़्र सुनेगी तो बगियाँ ताना मारेगी, केवल इक इश्क़ किया है और किया ही क्या है हमने, उस में भी गर फेल हुए तो दुनियाँ ताना मारेगी, जिन गलियों में धूल उड़ाते हम फिरते थे बचपन में, उन गलियों से मुँह मोड़ा तो गलियां ताना मारेगी, बात नहीं की गर उनसे तो बात धरी रह जाएगी, बात अगर की उन से तो छमिया ताना मारेगी, कैसे राह तके उस की जो हम को कब का भूल गए, बहुत हुआ दिल, बस कर,वरना सदियाँ ताना मारेगी, गोविन्द कहाँ जाना है तुझको इसकी तू ख़बर रखी, पहुँच नहीं पाया उधर तो सब अँखियाँ ताना मारेगी।" #चारण_गोविन्द #दुनियाँ #ताना_मारेगी #govindkesher #चारण_गोविन्द #CharanGovindG #alone