Indian Army Day जब मेरे वीर बहादुर हैं तो दुश्मन की क्या औकात है छिप छिपकर जो वार करें न उनकी कोई जात है तू अदद न देख सरहद पर हमारी बस हौंसलों की ही बात है हम अंगारों पर चलकर खाक किये हैं दुश्मन को ये तो फकत मामूली सी घुप्प रात है अदद-संख्या हमारे वीर सैनिकों को दिल से मेरा सलाम बेदम शायर आयुष कुमखर गौतम की कलम से जब मेरे वीर बहादुर हैं तो दुश्मन की क्या औकात है