Nojoto: Largest Storytelling Platform

सकल चराचर की अनन्त सीमाओं तक खोजोगी तुम सरल-निश्छ

सकल चराचर की अनन्त सीमाओं 
तक खोजोगी तुम
सरल-निश्छल
प्रेम के बिम्ब को, 
जैसे मृग ढूंढता हैं 
कस्तूरी।

न होना विकल अधिक तुम
मैं तुम्हारे ह्रदय के
आलिन्द या निलय में 
ही रहूंगा,
बिल्कुल कस्तूरी की ही तरह।।❣😊

सुकुमार....✒ कस्तूरी
सकल चराचर की अनन्त सीमाओं 
तक खोजोगी तुम
सरल-निश्छल
प्रेम के बिम्ब को, 
जैसे मृग ढूंढता हैं 
कस्तूरी।

न होना विकल अधिक तुम
मैं तुम्हारे ह्रदय के
आलिन्द या निलय में 
ही रहूंगा,
बिल्कुल कस्तूरी की ही तरह।।❣😊

सुकुमार....✒ कस्तूरी