सुमसाम सड़क किनारे बैठकर इंतजार कब से कर रहे हैं की आप लौट कर आओगे बस यही उम्मीद के साथ अपनी जिंदगी काट रहे हैं... हर रोज सुबह से शाम नजरे बिछाए खड़ी रहती हूं कोई आहट होती है तो लगता है आप आगए ऐसा लगता है पर देखती हूं की आप नहीं हो तो मेरी खुशी मायूसी में करवट हो जाती हैं आंखों के नीर बहनें लगते हैं... आपको बता नही सकती की आप बिन कितनी बैचेन रहती हूं... बस आपके वापिस लौटने का इंतजार किए कई सदियों से बैठी हूं अब लौट आओ आप अब अभी जाओ ना... ©maher singaniya आपका इंतजार.... #MereKhayaal