लाती तो है धागा कच्चा, पर बंधन पक्का कर जाती है। कितनी प्यारी होती है ये मां जाई, छवि मां की, इसमें नजर आती है।। रिश्तों में आ जाए गर कोई दूरी, दो किनारों के बीच पुल बन जाती है।। ©Sneh Prem Chand पक्का बंधन #RakshaBandhan2021