हज़ारों यातनाओं , दृश्य और बंदिशों के बावजूद मन संयोजित करना और अद्वितीय भूर्ण सृजन कर एक नवजात शिशु चाह( स्वप्न )को जन्म देना और वयस्क तक उसको पालना उसका ख्याल रखना फिर बड़े शक्तियों के प्रहार से घायल आंसुओ के द्वारा उसे खुली हवाओं में छलका देना सच में बड़ा ही अलौकिक और हृदय को झकझोर कर देने वाला सत्य है जो संपूर्ण सृष्टि में विद्यमान स्त्रीत्व की आंखों में हर पल ये अस्तित्व कायम होता और शून्य में विलय होता उन आंखों को मैं ईश्वरीय आंख लिखूं उन टूटे सपनों को मैं एक हत्या कहूं जो कभी कभी हम पुरुष अपने अधिकार वस कर जाते हमें ज्ञान न होता कि वो सिर्फ उनकी हनन नहीं अपितु एक हत्या है स्त्रीत्व ही ब्रह्मांड निर्माण है और संहार भी हम बस एक अल्प शून्य से है स्त्री आरंभ और अंत दोनों है । #आंखें #ईश्वरीय #महिला_दिवस #असलीयत #कामिल_कवि #kunu #yqdidi