जिंदगी और मौत जिंदगी और मौत जब जिंदा थी जब किसी ने आंख भर कर नहीं देखा आज मेरे मृत शरीर को निहारे जा रहे हैं जब जिंदा थी तब किसी ने बात ना कि आज मेरी आवाज सुनने को तरसे जा रहे हैं जब जिंदा थी तब किसी ने दुख में साथ ना दिया आज मेरे मरने के बाद आंसू बहाए जा रहे हैं