तुम अपनी नज़रों से कह दो कि हमारी नज़रों से नज़रें मिलाया न करें, हमारी नज़रों को बहका कर हमारे नादाँ दिल को यूँ धड़काया न करें। हमारे दिल को कशमकश में डाल कर मुस्कुरा रही हैं जो तुम्हारी नज़रें, हमारी नज़रों पर अपनी नज़रों का जादू चला कर हमें बुलाया ना करें। चाहत नहीं है तू मेरी,चाहता नहीं है मेरा दिल इश्क की गलियों में खोना, बेवजह की नाकाम कोशिशें करने को हमारी गलियों में आया जाया न करें। ♥️ Challenge-609 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।