तुझे खोने के डर से शायद हम मर जायँगे, तुम याद करोगे फिर मुझे लेकिन हम वापस नही आएंगे!! तेरी नियत नहीं थी साथ चलने की, वरना साथ निभाने वाले रास्ता देखा नहीं करते!! वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह, फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना!! हमसे बिछड़कर अब वो खुश रहने लगे है, अफ़सोस की हमने उनकी ये ख़ुशी छीन रखी थी!! इतना दर्द तो खुदा ने भी नहीं लिखा होगा, मेरी क़िस्मत में, जितना दर्द तूने मुझे प्यार कर के दिया है!! तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में, रूह भी गिरवी रख दी है मैंने तेरी चाहत में!! तुम थी मेरे पहले प्यार की पहली रोशनी,..... तुम थी... थी का मतलब तो तुम समझती हो ना!!!