एक अनजाना सा दर्द है जो सहा नहीं जाता... उसके बिन जी तो रहा हूं पर अब रहा नहीं जाता.. यूँ तो हो जाता है शायरी में हर दर्द ज़ाहिर... पर ये कैसा दर्द है जो कहा नहीं जाता... #Midnight poetry by abhishek sagar #MidnightPoetry