अपनी मैं जान लुटाता हूं सुख में हो या दुख में हो मैं सब के काम आता हूं हां मैं सारंग कहलाता हूं माली ने तोड़ा मुझको वह दर्द भूल जाता हूं गुलदस्ते मै सज करके खुशी सबको पहुंचाता हूं हां मैं सुमन कहलाता हूं खुशी में हूं तो मैं पुष्पसार बन जाता हूं दुख का आलम हो तो मैं श्रद्धांजलि के काम आता हूं हां मैं पुष्प कहलाता हूं ईश्वर के चरणों में मैं चढ़ाया जाता हूं सारे दुखों को भूल कर के मैं आज मुस्कुराता हूं हां मैं फूल कहलाता हूं ©Ashutosh Singh yadav #सारंग #Darknight