#OpenPoetry वो पुराने दिन और रातें मीलों तक फैली हुआ करती थी बहुत ढूंढा मैने पर अब नहीं मिलते हैं दोस्तों के दोस्त भी जान से ज्यादा होते थे, सबके चिढाने वाले अपने नाम होते थे बहुत ढूंढा मैने पर अब नहीं मिलते हैं #memory