तेरी एक झलक तस्वीर गढ़ गई, सोचता हूँ ,कोई ग़ज़ल लिख दूँ, असमंजस में हूँ, तुझे देखूँ के, तेरे भ्रम में चाँद!..... लिख दूँ, क़लम रूठ के रह गई मुझसे, स्याह कजरारी आँखो में डूबे, ठहरी अपनी हर शाम लिख दूँ। ♥️ Challenge-495 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।