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वो दिन याद करता हूँ आज भी, जब हम खुलके बाते करते थ

वो दिन याद करता हूँ आज भी,
जब हम खुलके बाते करते थे, 
खुलके हस्ते थे ,
में तुम्हारी तारीफे करता था वो भी बिना थके ,
आज भी करता हूँ मगर सुनने वाला खो गया है ,
आज भी याद करता हूँ वो रात भर जगना और वही रोजके सवाल बार बार एक दूसरे को पूछना ,
हा क्या मालूम हमे किसी की नजर लगी,
अब कविताओं में भी मन नही लगता,
tejasjadhav4583

Tejas Jadhav

New Creator

वो दिन याद करता हूँ आज भी, जब हम खुलके बाते करते थे, खुलके हस्ते थे , में तुम्हारी तारीफे करता था वो भी बिना थके , आज भी करता हूँ मगर सुनने वाला खो गया है , आज भी याद करता हूँ वो रात भर जगना और वही रोजके सवाल बार बार एक दूसरे को पूछना , हा क्या मालूम हमे किसी की नजर लगी, अब कविताओं में भी मन नही लगता,

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