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दूर गगन उड़ी मन पतंग डोर ना छूटे। नीलगगन रूई बाद

दूर गगन
उड़ी मन पतंग 
डोर ना छूटे।

नीलगगन
रूई बादल छाए
भरूं रजाई।

चांद दीये सा
टंगा अम्बर पर
धरा रोशनी।

उजड़े वन
हरियाली लापता
रोया अम्बर।

धरा सगाई
दूर क्षितिज संग
नदी गवाह।

*** # उड़ी मन पतंग 😊
दूर गगन
उड़ी मन पतंग 
डोर ना छूटे।

नीलगगन
रूई बादल छाए
भरूं रजाई।

चांद दीये सा
टंगा अम्बर पर
धरा रोशनी।

उजड़े वन
हरियाली लापता
रोया अम्बर।

धरा सगाई
दूर क्षितिज संग
नदी गवाह।

*** # उड़ी मन पतंग 😊

# उड़ी मन पतंग 😊