कुष्माण्डेति चतुर्थकम् !! नारा लगाते हैं जो सुरक्षित बेटी की, वही इस भ्रष्टता में लिपटा पाया जाता है । उपयोग करते जिनकी चुनावी तकदीर में, उन्हीं की तकदीर को फ़िर सरेआम किया जाता है । फिर लगती रात में ज़ाम की मजलिस कहीं, सुबह दिखावटी आँसूओं का मेला लगता है । चुनाव के मौसम आते ही नज़दीक, फिर उन्हीं बलात्कारियों नेताओं का नारा लगता है । नवरात्रि हो, या हो कोई और पर्व, सब उसके लिए एक खेल बन जाता है । प्रवेश ही निरस्त हो अब उन हैवानों का इस समाज में, माँ-दरबार में तो पापियों का ही नाश होता है । नवरात्रि : एक हकीकत #Nojoto #NojotoHindi #Navratri #truth