हमारे घर में आये, खुदा की कुदरत है, कभी हम उनको, कभी अपने घर को देखते हैं. मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि आदमी ने कुत्तों को पाल रखा है या कुत्तों ने आदमी को.. कनफ्युजिया गये हैं हम.