मज़बूरिया कैसी है यहाँ अब इस दिल की बताए क्या, पूछ रहा इस मंज़र से क्या रिस्ता है तेरा मुझ से, परछाईयो मे जी रहा ये दिल बहलाते हुऐ खुद को, जीना बी बिन तेरे सीख लिया है इन मज़बूरियों से, vicharokivandana